
पालिताना शत्रुंजय घटना का इतिहास
तक्षशिला नगरी से राजा जगमल्ल की धर्मचक्र सभा के तहखाने से प्राप्त आदिनाथ की जिनबिंब को विधिपूर्वक प्रतिष्ठित किया गया। यह घटना शत्रुंजय के इतिहास में 14वें उद्धार के रूप में स्थापित हुई। उसके बाद का लगभग बारह सौ वर्षों का इतिहास अज्ञात है या उसके आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं। क्योंकि इतिहास के गर्त में…