
श्रद्धा का दीया आँधी तूफ़ान आपत्ति विपत्ति में भी जलते रहना चाहिए : देवेंद्रसागरसूरि
चेन्नई। श्री सुमतिवल्लभ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ में जनकल्याणकारी चातुर्मास के दौरान धर्मसभा को संबोधित कार्य हुए आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने कहा कि बंधन का प्रमुख कारण आसक्ति है अर्थात् संसार की वस्तुओं और व्यक्तियों के प्रति जरूरत से अधिक लगाव होना। शास्त्रीय मतानुसार हमारी इंद्रियां अपने-अपने स्वाद की ओर लालायित रहती ही हैं।…