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खुद को बदलकर, हर बदलाव की शुरुआत करो : देवेंद्रसागरसूरि

जीवन हमेशा एक-सा नहीं रहता। परिवर्तन को स्वीकार कर ही हम अपनी हताशा-निराशा से उबर सकते हैं और समय के साथ चलकर अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं, उपरोक्त बातें आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन जैन मूर्तिपूजक संघ में प्रवचन देते हुए कही , वे आगे बोले कि परिवर्तन को स्वीकारना ही…

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दूसरों का हित करने से बड़ा कोई धर्म नहीं : देवेंद्रसागरसूरि

चेन्नई . श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन मूर्तिपूजक जैन संघ में पूज्य आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने धर्म वाणी का श्रवण कराते हुए कहा कि धर्म की स्थापना को एक साधारण मनुष्य केवल पूजा स्थलों की स्थापना से ही समझता है, जबकि इसके लिए धर्म शब्द का अर्थ समझना आवश्यक है।   मानव जीवन को सुचारु रूप से…

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मन के ऊपर विवेक का नियंत्रण आवश्यक है : देवेंद्रसागरसूरि…

मन वास्तव में हमारे प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष अनुभवों का संग्रह मात्र है। हमारा व्यक्तित्व वास्तव में हमारे इन्हीं अनुभवों और सोच का परिणाम है उपरोक्त बातें आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन जैन संघ में प्रवचन देते हुए कही। वे आगे बोले कि हम अपने जीवन में जो कुछ भी अच्छा या बुरा सीखते…

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सेवा से बड़ा कोई परोपकार इस विश्व में नहीं है : देवेंद्रसागरसूरि

चेन्नई. श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन मूर्तिपूजक जैन संघ के संघ भवन में आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने प्रवचन देते हुए कहा कि दूसरों के प्रति नि:स्वार्थ सेवा का भाव रखना ही जीवन में कामयाबी का मूलमंत्र है। नि:स्वार्थ भाव से की गई सेवा से किसी का भी हृदय परिवर्तन किया जा सकता है। हमें अपने आचरण में…

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हर्षित होना या दुखी होना सारा दारोमदार मन पर है : देवेंद्रसागरसूरिजी

चेन्नई. श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ में आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी धर्मोपदेश देते हुए कहा कि मनुष्य का सबसे प्रभावशाली अंग मन है। मनुष्य की जीवन-लीला मन से ही चलती है। सारे संकल्प-विकल्प, इच्छाएं-कामनाएं मन की ही उपज हैं। बुद्धि इनकी पूर्ति के लिए क्रियाशील रहती है। भौतिक शरीर में मन कोई अंग नहीं…

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सेक्टर-22 के जैन देरासर में 9 दीक्षार्थियों को मंगल मुहूर्त में दीक्षा प्रदान

गांधीनगर, पालीताणा दिनांक 19सेक्टर 22 स्थित जैन देरासर में 9 दीक्षा विद्यार्थियों को आज दीक्षा का मंगल मुहूर्त दिया गया और प. गुरुदेव की अभय अमृत कलश की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ, परमपद तपनि आराधना और लगातार 75 आयंबिल तपनि आराधना चल रही है और प्रतिदिन 8.45 बजे नियमित व्याख्यान होंगे। आज मंगलवार को परम…

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तन नहीं मन की सुंदरता जरुरी है : देवेंद्रसागरसूरि

श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन जैन मूर्तिपूजक संघ में आयोजित धर्मसभा में आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने कहा कि सुंदरता, खूबसूरती या फिर सौंदर्य। किसको नहीं आकर्षित करती। सुंदरता का मतलब सिर्फ रूपवान होना ही नहीं है। किसी के आकर्षक चेहरे को देखकर ही सौंदर्यबोध करना चूक है। असली सुंदरता गुणवान होने में है। सौंदर्यबोध सदियों से हमारे…

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नैतिकता के बिना एक व्यक्ति इस दुनिया में किसी पशु के समान है : देवेंद्रसागरसूरि

चेन्नई. श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ में चातुर्मासार्थ बिराजमान आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने प्रवचन के माध्यम से कहा कि नैतिक मूल्य मानव को परिपूर्णता प्रदान कर उसे प्राकृतिक रचनाओं में श्रेष्ठ बनाते हैं, परंतु आधुनिकता के नाम पर इन मूल्यों का निरंतर अवमूल्यन होता जा रहा है। बढ़ता भौतिकतावाद उन्हें लील रहा है।…

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धनुषाकार होंठ से दिल को बेधने वाले शब्द बाण न छोड़ें : देवेंद्रसागरसूरि

श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ में पूज्य आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने अपने धर्म प्रवचन में कहा कि रोजाना देव-दर्शन करना उत्तम है। जप, शास्त्र-स्वाध्याय करना अच्छी आदत है। दिव्य-पुरुषों के संस्मरण पढ़ना भी उत्तम है। लेकिन सर्वोत्तम है, एकांत में बैठकर, अपने अंदर झांककर यह देखना कि इतना सब कुछ करते रहने पर…

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धर्म और संस्कृति ने मिलकर हमारी भारतीयता को विकसित किया : देवेंद्रसागरसूरि

चेन्नई. श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ में आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी मुनि श्री महापद्मसागरजी के सान्निध्य में रविवारीय शिविर का आयोजन हुआ। आईना नहीं शक्ल बदलों विषय के ऊपर आचार्य श्री के धारा प्रवाह वक्तव्य से श्रोतागण मंत्र मुग्ध हुए. आचार्य श्री ने कहा कि धर्म एवं संस्कृति पर प्राय: होने वाली बहस में…

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