
जिसके पास जितने सद्गुण हैं, वह उतना ही बड़ा अमीर है : देवेंद्रसागरसूरि
श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ में प्रवचन देते हुए आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने कहा कि जीवन की वास्तविक सफलता और लोकप्रियता पाने के लिए धन- दौलत अथवा शक्ति-संबल की आवश्यकता नहीं, उसके लिए आवश्यकता है – गुण, कर्म और स्वभाव की श्रेष्ठता की। जब तक गुण-कर्म-स्वभाव में श्रेष्ठता का समावेश नहीं होगा, बहुत…