

नम्र या विनीत होना कमजोरी या कायरता की नहीं, महानता की निशानी है : देवेंद्रसागरसूरि
श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ में आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने प्रवचन के माध्यम से श्रद्धालुओं को संबोधित किया । उन्होंने कहा कि मनुष्य की सबसे बड़ी कमजोरी होती है उसका अहंकार। अहंकार प्रगति का सबसे बड़ा बाधक तत्व है। जो साधक विनम्र एवं ऋजु नहीं होता, उसके लिये सत्य के दरवाजे नहीं खुल…

हमारी स्वर्णिम संस्कृति श्रेष्ठ संस्कारों पर ही अवलंबित है : देवेंद्रसागरसूरि
श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन जैन संघ में धर्म प्रवचन देते हुए पूज्य आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने कहा कि अहंकार स्वयं को दूसरों से श्रेष्ठ मानने के कारण उत्पन्न हुआ एक व्यवहार है। यह एक ऐसा मनोविकार है जिसमें मनुष्य को न तो अपनी त्रुटियां दिखाई देती हैं और न ही दूसरों की अच्छी बातें। शांति का…

सामना करने वालों के कदमों में जहां होता है : देवेंद्रसागरसूरि
हौसलें अगर बुलंद हों तो मंजिलें आसान हो जाती हैं। कुछ कर गुजरने का जज्बा अगर हममें हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं होता।उपरोक्त बातें आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ में धर्म प्रवचन देते हुए कही, उन्होंने आगे कहा कि हमारी ज़िंदगी का हर पल इम्तिहानों से भरा…

व्यवस्थित और सुशासित समाज के लिए देशभक्ति बहुत जरूरी है : देवेंद्रसागरसूरि
श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन जैन संघ के तत्वावधान में बिन्नी नोर्थटाउन सोसायटी में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी के सान्निध्य में समग्र आयोजन का लाभ राजेश बाफ़ना एवं भरत भाई के परिवार ने लिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में बच्चों ने सांस्कृतिक नाटिका द्वारा देश के लिए अपने भाव…

देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझे : देवेंद्रसागरसूरि
श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ में स्वतंत्रता दिवस पर विशेष प्रवचन देते हुए आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने कहा कि हमारे देश को ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिले बहुत वर्ष बीत गये जो बहुत से महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और संघर्ष से प्राप्त हुई थी। वो देश के प्रति अपने कर्त्तव्यों के वास्तविक…

सहयोग की भावना ही मनुष्य जाति की उन्नति का मूल कारण रही है : देवेंद्रसागरसूरि
श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ में आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी मुनि श्री महापद्मसागरजी के सान्निध्य में रविवारीय शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे। शिविर का संपूर्ण लाभ संघवी महेंद्रकुमारजी चुन्नीलालजी सोलंकी परिवार ने लिया। शिविर के तहत आचार्य श्री ने कहा कि परिवार एक पवित्र तथा उपयोगी संस्था है।…

दोष दिखाने वाले को अपना शुभचिंतक मानकर उसका आभार मानें : देवेंद्रसागरसूरि
दोष, दुर्गुण, दुष्प्रवृत्तियों, दुर्भावनाओं को त्यागिए संसार में कोई किसी को उतना परेशान नहीं करता, जितना कि मनुष्य के अपने दुर्गुण और दुर्भावनाएं। उपरोक्त बातें आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन जैन संघ में प्रवचन देते हुए कही। उन्होंने आगे कहा कि दुर्गुण रूपी शत्रु हर समय मनुष्य के पीछे लगे रहते हैं, वे…

सात्विक बुद्धि से मनुष्य विनय प्राप्त करता है : देवेंद्रसागरसूरि
श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ में आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने धर्म प्रवचन देते हुए कहा कि पक्षियों की तरह मनुष्य आकाश में उड़ नहीं सकता, मछलियों की तरह जल में तैर नहीं सकता, हाथी के बराबर बोझ नहीं उठा सकता और शेर की तरह शक्तिशाली नहीं हो सकता। बावजूद इसके इस धरा पर…

ख़ुद को बेहतर तरीक़े से समझने वाला ही समझदार प्राणी है : देवेंद्रसागरसूरि
हर व्यक्ति के सोचने और समझने का तरीका अलग होता है. कुछ लोग बहुत ही समझदार होते हैं. वे जानते हैं कि परेशानियों से कैसे निकला जा सकता है. हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला करते हैं. कठिन परिस्थिति को अपने पर हावी हुए बिना उसका हल निकालते हैं. लोग इन आदतों से भी आपकी छवि…

सरलता के बगैर सत्य की निकटता नहीं मिलती : देवेंद्रसागरसूरि
आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने सुमति वल्लभ नोर्थ टाउन जैन मूर्तिपूजक संघ में प्रवचन देते हुए कहा कि प्रकृति अत्यंत सरल है। इसकी समस्त क्रियाएं बड़ी सरलता के साथ होती हैं। सूर्य का उदय होना, तारों का टिमटिमाना और नदियों का निरंतर बहना आदि कुदरती क्रियाएं होती रहती हैं। वृक्ष फलते-फूलते हैं, रात के बाद दिन…